1 कुछ नहीं था, एक मामूली सा अदना प्राणी, आपके प्रेम ने आम से खाश बना डाला, मालूम नहीं कुछ शब्दों का हुनर, आपकी प्रेरणा ने काव्य लिखवा डाला। 2 किस पर लिखता, इस जहाँ पर लिखने की क्या जरूरत, यहाँ तो अपने ही गम काफी थे, काव्य का रूप देकर, स्वर्णाक्षरित अमिट पहचान बनवाContinue reading “शब्द प्रेम.”